🔫: वार को देखकर आधार
बदलना सीखो
वक्त को देखकर व्यवहार
बदलना सीखो
जिंदगी ज्वार है,हठ की तो
डूब जाओगे
धार को देखकर ,पतवार
बदलना सीखो
क्योंकि
अहंकार का अँधेरा कितना भी घना क्यों न हो उसका अहंकार तोड़ने के लिए केवल एक छोटा सा दीपक ही पर्याप्त होता है।
🌹🌹🌹🌹
🔫: 🎎 मनुष्य कितना मूर्ख है |
👉प्रार्थना करते समय समझता है कि भगवान सब सुन रहा है,
पर निंदा करते हुए ये भूल जाता है।
👉पुण्य करते समय यह समझता है कि भगवान देख रहा है,
पर पाप करते समय ये भूल जाता है।👉दान करते हुए यह समझता है कि भगवान सब में बसता है,
पर चोरी करते हुए ये भूल जाता है।👉प्रेम करते हुए यह समझता है कि पूरी दुनिया भगवान ने बनाई है,
पर नफरत करते हुए ये भूल जाता है।
👌..और हम कहते हैं कि मनुष्य सबसे बुद्धिमान प्राणी है।👉क़दर किरदार की होती है,
वरना...
कद में तो साया भी
इंसान से बड़ा होता है.... 💮♥💮♥💮♥💮♥
मंदिर भी क्या गज़ब की जगह है...
गरीब बाहर भीख मांगते हैं और अमीर अन्दर.... ♥💮♥💮♥💮♥💮♥
🔫: वो भी क्या दिन थे...
🌼 जब घड़ी एक आध के पास होती थी.... और समय सबके पास होता था।
🌼 बोलचाल में हिंदी का .प्रयोग होता था ....और अंग्रेज़ी तो पीने के बाद ही बोली जाती थी।
🌼 फिल्मों में हीरोइन को पैसे कम मिलते थे ...पर कपड़े वो पूरे पहनती थी।
🌼 लोग पैदल चलते थे ...और पदयात्रा करते थे ....पर पदयात्रा पद पाने के लिये नहीं होती थी।
🌼 साईकिल होती थी ...जो चार रोटी में ...चालीस का एवरेज देती थी।
🌼 चिट्ठी पत्री का जमाना था। पत्रों मे व्याकरण अशुद्ध होती थी ....पर आचरण शुद्ध हुआ करता थे।
🌼 शादी में घर की औरतें खाना बनाती थी और बाहर की औरतें नाचती थी ....अब घर की औरतें नाचती हैं और बाहर की औरते खाना बनाती है।
सोचो क्या खोया और क्या पाया
😣😣😣😣😣😣😣😣
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