कौन हैं योगी आदित्यनाथ जानिए,
योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश की गोरखपुर से सांसद हैं लोकसभा चुनाव में उन्होंने लगातार पांच बारजीत दर्ज की ...
योगी आदित्यनाथ बीएससी पास हैं 26 साल की उम्र से ही सांसद हैं पांचवीं बार संसद पहुंचे हैं,लेकिन उनकी इस चमत्कारी जीत के पीछे उनका कट्टर हिंदुत्व का एजेंडा हैं ऐसा एजेंडा जिससे उनकी ताकत लगातार बढ़ती गई.
इतनी कि आखिरकार गोरखपुर में जो योगी कहे वही नियम है, वही कानून है.तभी तो उनके समर्थक नारा भी लगाते हैं,'गोरखपुर में रहना है तो योगी-योगी कहना होगा.'1998 में शुरू हुई राजनीतिक पारी योगी आदित्यनाथ का असली नाम है अजय सिंह.वह मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले हैं. गढ़वाल यूनिवर्सिटी से उन्होंने बीएससी की पढ़ाई की. गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ ने उन्हें दीक्षा देकर योगी बनाया था अवैद्यनाथ ने 1998 में राजनीति से संन्यास लिया और योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया.
यहीं से योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक पारी शुरू हुई है.1998 में गोरखपुर से 12वीं लोकसभा का चुनाव जीतकर योगी आदित्यनाथ संसद पहुंचे तो वह सबसे कम उम्र के सांसद थे हिंदूयुवा वाहिनी का गठन राजनीति के मैदान में आते ही योगी आदित्यनाथ ने सियासत की दूसरी डगर भी पकड़ ली उन्होंने हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया और धर्म परिवर्तन के खिलाफ मुहिम छेड़ दी कट्टर हिंदुत्व की राह पर चलते हुए उन्होंने कई बार विवादित बयान दिए.
योगी विवादों में बने रहे, लेकिन उनकी ताकत लगातार बढ़ती गई. 2007 में गोरखपुर में दंगे हुए तो योगी आदित्यनाथ को मुख्य आरोपी बनाया गया. गिरफ्तारी हुई और इस पर कोहराम भी मचा.योगी के खिलाफ कई अपराधिक मुकदमे भी दर्ज हुए. अब तक योगी आदित्यनाथ की हैसियत ऐसी बन गई कि जहां वो खड़े होते, वहाँ सभा शुरू हो जाती.वो जो बोल देते, उनके समर्थकों के लिए वो कानून हो जाता. यही नहीं, होली और दीपावली जैसे त्योहार कब मनाया जाए, इसके लिए भी योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर से फरमान जारी करते हैं इसलिए गोरखपुर में हिन्दूओं के त्योहार एक दिन बाद मनाए जाते हैं.
उर्दू बन गई हिंदी, मियां बदलकर मायायोगी आदित्यनाथ के तौर-तरीकों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने गोरखपुर के कई ऐतिहासिक मुहल्लों के नाम बदलवा दिए. इसके तहत उर्दू बाजार हिंदी बाजार बन गया.अली नगर आर्यनगर हो गया. मियां बाजारमाया बाजार हो गया. इतना ही नहीं,योगी आदित्यनाथ तो आजमगढ़ का नाम भी बदलवाना चाहते हैं.इसके पीछे आदित्यनाथ का तर्क है कि देश की पहचान हिंदी से है उर्दू से नहीं, आर्य से है अली से नहीं. गोरखपुर और आसपास के इलाके में योगी आदित्यनाथ और उनकी हिंदूयुवा वाहिनी की तूती बोलती है. बीजेपी में भी उनकी जबरदस्त धाक है.इसका प्रमाण यह है कि पिछले लोकसभा चुनावों में प्रचार के लिए योगी आदित्यनाथ को बीजेपी ने हेलीकॉप्टर मुहैया करवाया था
✯
जगा दिया गोरखपुर को जिसने, देश जगाने वाला है।
विजय पताका फहराकर वो, जो यूपी आने वाला है।।
शंखनाद हो गया शुरू, अब तो रण होने वाला है।
आजसुना है अपने कानो से, की योगी आने वाला है।।
मत डरो अंधियारो से, अब भोर होने वाला है।गर्जना
सुन पा रहा हु, कोई शेर आने वाला है।।जल रहा है पुरा
भारत, अब शासन हिलने वाला है।सुन लो सब कान
खोल के, अब योगी आने वाला है ।
¤हिन्दू युवा वाहिनी¤
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योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश की गोरखपुर से सांसद हैं लोकसभा चुनाव में उन्होंने लगातार पांच बारजीत दर्ज की ...
योगी आदित्यनाथ बीएससी पास हैं 26 साल की उम्र से ही सांसद हैं पांचवीं बार संसद पहुंचे हैं,लेकिन उनकी इस चमत्कारी जीत के पीछे उनका कट्टर हिंदुत्व का एजेंडा हैं ऐसा एजेंडा जिससे उनकी ताकत लगातार बढ़ती गई.
इतनी कि आखिरकार गोरखपुर में जो योगी कहे वही नियम है, वही कानून है.तभी तो उनके समर्थक नारा भी लगाते हैं,'गोरखपुर में रहना है तो योगी-योगी कहना होगा.'1998 में शुरू हुई राजनीतिक पारी योगी आदित्यनाथ का असली नाम है अजय सिंह.वह मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले हैं. गढ़वाल यूनिवर्सिटी से उन्होंने बीएससी की पढ़ाई की. गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ ने उन्हें दीक्षा देकर योगी बनाया था अवैद्यनाथ ने 1998 में राजनीति से संन्यास लिया और योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया.
यहीं से योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक पारी शुरू हुई है.1998 में गोरखपुर से 12वीं लोकसभा का चुनाव जीतकर योगी आदित्यनाथ संसद पहुंचे तो वह सबसे कम उम्र के सांसद थे हिंदूयुवा वाहिनी का गठन राजनीति के मैदान में आते ही योगी आदित्यनाथ ने सियासत की दूसरी डगर भी पकड़ ली उन्होंने हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया और धर्म परिवर्तन के खिलाफ मुहिम छेड़ दी कट्टर हिंदुत्व की राह पर चलते हुए उन्होंने कई बार विवादित बयान दिए.
योगी विवादों में बने रहे, लेकिन उनकी ताकत लगातार बढ़ती गई. 2007 में गोरखपुर में दंगे हुए तो योगी आदित्यनाथ को मुख्य आरोपी बनाया गया. गिरफ्तारी हुई और इस पर कोहराम भी मचा.योगी के खिलाफ कई अपराधिक मुकदमे भी दर्ज हुए. अब तक योगी आदित्यनाथ की हैसियत ऐसी बन गई कि जहां वो खड़े होते, वहाँ सभा शुरू हो जाती.वो जो बोल देते, उनके समर्थकों के लिए वो कानून हो जाता. यही नहीं, होली और दीपावली जैसे त्योहार कब मनाया जाए, इसके लिए भी योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर से फरमान जारी करते हैं इसलिए गोरखपुर में हिन्दूओं के त्योहार एक दिन बाद मनाए जाते हैं.
उर्दू बन गई हिंदी, मियां बदलकर मायायोगी आदित्यनाथ के तौर-तरीकों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने गोरखपुर के कई ऐतिहासिक मुहल्लों के नाम बदलवा दिए. इसके तहत उर्दू बाजार हिंदी बाजार बन गया.अली नगर आर्यनगर हो गया. मियां बाजारमाया बाजार हो गया. इतना ही नहीं,योगी आदित्यनाथ तो आजमगढ़ का नाम भी बदलवाना चाहते हैं.इसके पीछे आदित्यनाथ का तर्क है कि देश की पहचान हिंदी से है उर्दू से नहीं, आर्य से है अली से नहीं. गोरखपुर और आसपास के इलाके में योगी आदित्यनाथ और उनकी हिंदूयुवा वाहिनी की तूती बोलती है. बीजेपी में भी उनकी जबरदस्त धाक है.इसका प्रमाण यह है कि पिछले लोकसभा चुनावों में प्रचार के लिए योगी आदित्यनाथ को बीजेपी ने हेलीकॉप्टर मुहैया करवाया था
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जगा दिया गोरखपुर को जिसने, देश जगाने वाला है।
विजय पताका फहराकर वो, जो यूपी आने वाला है।।
शंखनाद हो गया शुरू, अब तो रण होने वाला है।
आजसुना है अपने कानो से, की योगी आने वाला है।।
मत डरो अंधियारो से, अब भोर होने वाला है।गर्जना
सुन पा रहा हु, कोई शेर आने वाला है।।जल रहा है पुरा
भारत, अब शासन हिलने वाला है।सुन लो सब कान
खोल के, अब योगी आने वाला है ।
¤हिन्दू युवा वाहिनी¤
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