कराची एयरपोर्ट की घटना
एक विमान में 23 साल की अकेली
पतली-दुबली भारतीय
लड़की 17 घंटे तक आतंकवादियों को मात
देती रही। उसने करीब
380 लोगों को बचा लिया, लेकिन अंत में कुछ बच्चों को विमान से
बाहर निकालते वक्त एक दहशतगर्द ने उसके
सीने में गोली उतार दी।
अमेरिकी एयरवेज का विमान पैन एम73,
करीब� 380 यात्री लेकर पाकिस्तान
के करांची हवाई अड्डे पर पायलट का इंतजार कर
रहा था। अचानक उसमें चार हथियारबंद आतंकवादी
घुस गए और सभी यात्रियों को गन प्वांइट पर ले
लिया।
आतंकियों ने पाक सरकार से पायलट भेजने की मांग
की, ताकि वो विमान को अपने मन मुताबिक जगह पर
ले जा सकें, पाक सरकार ने मना कर दिया।
इससे भन्नाए आतंकियों ने विमान में बैठे अमेरिकी
यात्रियों को मारने का फैसला कर लिया। वो अमेरिका के जरिए पाक
सरकार पर दबाव बनाने की ताक में थे। लेकिन उन्हें
पता था इसी विमान की एक अटेंडेंट एक
भारतीय विरांगना है। जिससे वो टकरा
नहीं पाएंगे।
एक अमेरिकी को नहीं मरने दिया
आतंकियों ने गलती से उसी
वीर भारतीय लड़की को
बुला लिया और विमान में बैठे सभी यात्रियों के पासपोर्ट
इकट्ठा करने को कहा। ताकि वो अमेरिकी नागरिकों को
चुन-चुन कर मार सकें।
लेकिन भारतीय वीरांगना ने दिन में
आतंकियों की आंखों में धूल झोंक दिया। विमान में
अमेरिकी यात्री बैठे हुए थे, पर एक
भी आतंकियों के हवाले नहीं हुए।
लड़की ने सबके पासपोर्ट छुपा लिए। यह देख
आतंकी तिलमिला उठे। उन्होंने गोराचिट्टा दिखने वाले
एक अंग्रेज को खींचकर वीमाने के गेट
पर ले आए और गोली मारने की
तैयारी करने लगे।
लेकिन यहां भी लड़की ने अपने
कार्यकुशलता का परिचय दिया और आतंकियों का ऐसा दिमाग घूमाया
कि उन्होंने उस ब्रिटिश को छोड़ दिया। आतंकी और
पाक सरकार में लगातार खींचातानी
चलती रही। इधर 380 डरे हुए लोगों
में एक अकेली भारतीय
लड़की डंटी रही।
खत्म हो गया विमान का ईंधन, दगने लगीं गोलियां
लड़की ने 16 घंटे हिम्मत बांधे रखी।
किसी भी यात्री को आंच
नहीं आने दी। लेकिन उसे अचानक
खयाल आया कि अब विमान का ईंधन खत्म होने वाला है। ऐसा
हुआ तो विमान में अंधेरा छा जाएगा और भागदौड़ मच
जाएगी। जिसमें बेतहाशा खून बहेगा।
लड़की ने फिर अपने भारतीय होने
की पहचान दी। उसने तत्काल
आतंकियों को खाने का पैकेट दिया और यात्रियों को
आपातकालीन खिड़कियों के बारे में तेजी
समझाया। तभी विमान का ईंधन खत्म हो गया। चारों
तरफ अंधेरा छा गया। प्लान के मुताबिक लड़की ने
यात्रियों को प्लेन से नीचे कूदाना शुरू कर दिया। लेकिन
इसी बीच दहशतगर्दों ने गोलियां दागना
शुरू कर दी।
लेकिन उस बहादुर लड़की ने एक शख्स को
नहीं मरने दिया। जल्दबाजी और
बेसुधगी के चलते कुछ घायल जरूर हो गए।
दूसरी तरफ मौका देखकर पाक कमांडो
भी विमान पहुंच गए।
और उस बहादुर लड़की के सीने में
उतर गई गोली
धुआंधार गोलीबारी के बीच
एक तरफ सारे लोग भागने में लगे थे, दूसरी तरफ वो
भारत की बेटी दुर्दांत आतंकियों को
तरह तरह से छकाने में लगी थी।
उसने आतंकियों को उलझाए रखा ताकि वो किसी को
नुकसान न पहुंचा सकें। और वो कामयाब भी
रही। सबके निकल जाने के बाद अंत में जब वो
विमान से निकलने लगी, तो अचानक उसे कुछ बच्चों
के रोने की आवाज सुनाई दी।
वो भारत की बेटी मां तो
नहीं बनी थी, लेकिन वो
रोते हुए बच्चों को छोड़कर भागना ठीक
नहीं समझी। वो वापस विमान में आ
गई और बच्चों को ढूंढ निकाला। जैसे ही उन्हें
लेकर एक आपातकालीन खिड़की ओर
बढ़ी एक आतंकी उसके सामने आ
खड़ा हुआ।
उसने बच्चों को खिड़की से नीचे धकेल
दिया और आतंकी सारी गोलियां अपने
सीने में खा गई। 17 घंटे तक चले इस खून खराबे
में अंततः 20 लोगों की जान चली गई। वो
भारतीय वीरांगना भी
शहीद हो गई।
नीरजा भनोट है उस भारत की
बेटी का नाम
पाक की धरती पर विश्वभर के लोगों
की जान की रक्षा करने
वाली उस भारत की बेटी का
नाम है नीरजा भनोट। घटना के दो दिन बाद वो अपना
23वां जन्मदिन मनाने वाली थी। लेकिन
सपने अधूरे रह गए।
2004 में इस बात का पता चला कि 5 सितंबर, 1986 में हुई
उस भयावह घटना के पीछे लीबिया के
चरमपंथियों का हाथ था। इस पूरे मामले को और भारत
की बेटी नीरजा के बलिदान
को याद कराने के लिए रूपहले पर्दे पर 'नीरजा
भनोट' आ रही है।
नीरजा भनोट के किरदार में सोनम कपूर हैं। लास्ट
नाइट इसकी शूटिंग शुरुआत की गई।
मुंबई एयरपोर्ट पर पहली शूटिंग हुई। डायरेक्टर
राम माधवानी का कहना है कि इंडस्ट्री
के कई बड़े नामों समेत 200 कलाकार फिल्म बनाने में सहयोग
कर रहे हैं। इसकी बानगी मुहुर्त
शॉट पर आमिर खान की मौजूदगी ने
दी।
नीरजा को भारत ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान अशोक
चक्र दिया था, पाक ने तमगा-ए-इन्सानियत। भारत ने उनके नाम
पर डाक टिकट भी जारी किया ॥।।।॥।।॥
इस भारतीय बेटी ने साबित कर दिया हिन्दुस्तानी कितने बहादुर होते है।
एक विमान में 23 साल की अकेली
पतली-दुबली भारतीय
लड़की 17 घंटे तक आतंकवादियों को मात
देती रही। उसने करीब
380 लोगों को बचा लिया, लेकिन अंत में कुछ बच्चों को विमान से
बाहर निकालते वक्त एक दहशतगर्द ने उसके
सीने में गोली उतार दी।
अमेरिकी एयरवेज का विमान पैन एम73,
करीब� 380 यात्री लेकर पाकिस्तान
के करांची हवाई अड्डे पर पायलट का इंतजार कर
रहा था। अचानक उसमें चार हथियारबंद आतंकवादी
घुस गए और सभी यात्रियों को गन प्वांइट पर ले
लिया।
आतंकियों ने पाक सरकार से पायलट भेजने की मांग
की, ताकि वो विमान को अपने मन मुताबिक जगह पर
ले जा सकें, पाक सरकार ने मना कर दिया।
इससे भन्नाए आतंकियों ने विमान में बैठे अमेरिकी
यात्रियों को मारने का फैसला कर लिया। वो अमेरिका के जरिए पाक
सरकार पर दबाव बनाने की ताक में थे। लेकिन उन्हें
पता था इसी विमान की एक अटेंडेंट एक
भारतीय विरांगना है। जिससे वो टकरा
नहीं पाएंगे।
एक अमेरिकी को नहीं मरने दिया
आतंकियों ने गलती से उसी
वीर भारतीय लड़की को
बुला लिया और विमान में बैठे सभी यात्रियों के पासपोर्ट
इकट्ठा करने को कहा। ताकि वो अमेरिकी नागरिकों को
चुन-चुन कर मार सकें।
लेकिन भारतीय वीरांगना ने दिन में
आतंकियों की आंखों में धूल झोंक दिया। विमान में
अमेरिकी यात्री बैठे हुए थे, पर एक
भी आतंकियों के हवाले नहीं हुए।
लड़की ने सबके पासपोर्ट छुपा लिए। यह देख
आतंकी तिलमिला उठे। उन्होंने गोराचिट्टा दिखने वाले
एक अंग्रेज को खींचकर वीमाने के गेट
पर ले आए और गोली मारने की
तैयारी करने लगे।
लेकिन यहां भी लड़की ने अपने
कार्यकुशलता का परिचय दिया और आतंकियों का ऐसा दिमाग घूमाया
कि उन्होंने उस ब्रिटिश को छोड़ दिया। आतंकी और
पाक सरकार में लगातार खींचातानी
चलती रही। इधर 380 डरे हुए लोगों
में एक अकेली भारतीय
लड़की डंटी रही।
खत्म हो गया विमान का ईंधन, दगने लगीं गोलियां
लड़की ने 16 घंटे हिम्मत बांधे रखी।
किसी भी यात्री को आंच
नहीं आने दी। लेकिन उसे अचानक
खयाल आया कि अब विमान का ईंधन खत्म होने वाला है। ऐसा
हुआ तो विमान में अंधेरा छा जाएगा और भागदौड़ मच
जाएगी। जिसमें बेतहाशा खून बहेगा।
लड़की ने फिर अपने भारतीय होने
की पहचान दी। उसने तत्काल
आतंकियों को खाने का पैकेट दिया और यात्रियों को
आपातकालीन खिड़कियों के बारे में तेजी
समझाया। तभी विमान का ईंधन खत्म हो गया। चारों
तरफ अंधेरा छा गया। प्लान के मुताबिक लड़की ने
यात्रियों को प्लेन से नीचे कूदाना शुरू कर दिया। लेकिन
इसी बीच दहशतगर्दों ने गोलियां दागना
शुरू कर दी।
लेकिन उस बहादुर लड़की ने एक शख्स को
नहीं मरने दिया। जल्दबाजी और
बेसुधगी के चलते कुछ घायल जरूर हो गए।
दूसरी तरफ मौका देखकर पाक कमांडो
भी विमान पहुंच गए।
और उस बहादुर लड़की के सीने में
उतर गई गोली
धुआंधार गोलीबारी के बीच
एक तरफ सारे लोग भागने में लगे थे, दूसरी तरफ वो
भारत की बेटी दुर्दांत आतंकियों को
तरह तरह से छकाने में लगी थी।
उसने आतंकियों को उलझाए रखा ताकि वो किसी को
नुकसान न पहुंचा सकें। और वो कामयाब भी
रही। सबके निकल जाने के बाद अंत में जब वो
विमान से निकलने लगी, तो अचानक उसे कुछ बच्चों
के रोने की आवाज सुनाई दी।
वो भारत की बेटी मां तो
नहीं बनी थी, लेकिन वो
रोते हुए बच्चों को छोड़कर भागना ठीक
नहीं समझी। वो वापस विमान में आ
गई और बच्चों को ढूंढ निकाला। जैसे ही उन्हें
लेकर एक आपातकालीन खिड़की ओर
बढ़ी एक आतंकी उसके सामने आ
खड़ा हुआ।
उसने बच्चों को खिड़की से नीचे धकेल
दिया और आतंकी सारी गोलियां अपने
सीने में खा गई। 17 घंटे तक चले इस खून खराबे
में अंततः 20 लोगों की जान चली गई। वो
भारतीय वीरांगना भी
शहीद हो गई।
नीरजा भनोट है उस भारत की
बेटी का नाम
पाक की धरती पर विश्वभर के लोगों
की जान की रक्षा करने
वाली उस भारत की बेटी का
नाम है नीरजा भनोट। घटना के दो दिन बाद वो अपना
23वां जन्मदिन मनाने वाली थी। लेकिन
सपने अधूरे रह गए।
2004 में इस बात का पता चला कि 5 सितंबर, 1986 में हुई
उस भयावह घटना के पीछे लीबिया के
चरमपंथियों का हाथ था। इस पूरे मामले को और भारत
की बेटी नीरजा के बलिदान
को याद कराने के लिए रूपहले पर्दे पर 'नीरजा
भनोट' आ रही है।
नीरजा भनोट के किरदार में सोनम कपूर हैं। लास्ट
नाइट इसकी शूटिंग शुरुआत की गई।
मुंबई एयरपोर्ट पर पहली शूटिंग हुई। डायरेक्टर
राम माधवानी का कहना है कि इंडस्ट्री
के कई बड़े नामों समेत 200 कलाकार फिल्म बनाने में सहयोग
कर रहे हैं। इसकी बानगी मुहुर्त
शॉट पर आमिर खान की मौजूदगी ने
दी।
नीरजा को भारत ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान अशोक
चक्र दिया था, पाक ने तमगा-ए-इन्सानियत। भारत ने उनके नाम
पर डाक टिकट भी जारी किया ॥।।।॥।।॥
इस भारतीय बेटी ने साबित कर दिया हिन्दुस्तानी कितने बहादुर होते है।
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