बुधवार, 6 मई 2015

इतने टार्चर अौर दबाव किया गया तब भी इस सच्चे अदमी ने अपना फैसला नही बदला

🔫: मुंबई. बहुचर्चित ‘हिट एंड रन मामले’ में कोर्ट ने सलमान खान को
दोषी करार दिया है। उन पर लगे सभी
आरोप सही साबित हो गए हैं। इस मामले में कोर्ट ने
उन्हें पांच साल की सजा सुनाई है। साथ
ही उन पर 25 हजार रू. का जुर्माना भी
लगाया गया है। ये केस तो सुर्खियों में है, लेकिन इससे जुड़े लोगों पर
किसी का ध्यान नहीं गया।
इन्ही में से एक थें कॉन्सटेबल रवींद्र
पाटिल।
‘हिट एंड रन’ मामले में प्रमुख गवाह था रवींद्र पाटिल
किसी को याद नहीं होगा कि
रवींद्र पाटिल सलमान खान से जुड़े ‘हिट एंड रन’ मामले
में एक प्रमुख गवाह था। यही वो शख्स था, जो इस
केस के बारे में सब कुछ जानता था। इस केस के
चश्मदीद गवाह रहे रवींद्र पाटिल आज
इस दुनिया में नहीं है। सवाल है कि वो कैसे मरा और
उसकी मौत के पीछे की खास
वजह क्या थी ? हम आपको बताने जा रहे हैं
इसकी पूरी कहानी।
सड़कों पर भीख मांगने पर मजबूर हो गया था
रवींद्र
सूत्रों के मुताबिक, परिवार से अलग होने के बाद रवींद्र
अचानक घर से लापता हो गया था। 2007 में वह सेवरी
म्युनिसिपल अस्पताल से मिला। अस्पताल आने से पहले उसे सड़कों
पर भीख मांगते देखा गया था। भीख में मिले
पैसों से दिन-रात शराब पीता था। इसी वजह
से उनको टीबी हो गई।
कमजोरी की वजह से उस पर दवाओं का
असर नहीं हुआ और आखिरकार उसने अस्पताल में
ही दम तोड़ दिया।
आखिरी सांस तक नहीं बदला बयान
जो लोग रवींद्र पाटिल को जानते थे वो इस बात से
सहमत थे कि उस पर बयान बदलने को लेकर बहुत ज्यादा प्रेशर
था। रिपोर्ट्स के मुताबिक कईबार लोगों ने उस पर स्टेटमेंट बदलने के लिए
दवाब डाला, ताकि सलमान खान जेल जाने से बच सके। लेकिन उसने
अपनी आखिरी सांस तक बयान
नहीं बदला। वहीं, रवींद्र को
बयान बदलने के लिए लालच और धमकी भी
दी गई। यहां तक कि पुलिस ने उसके परिवार को
काफी परेशान भी किया।


🔫: कोर्ट-कचहरी से डरता था रवींद्र
‘हिट एंड रन मामले’ में जुड़ने के बाद से ही
रवींद्र कोर्ट-कचहरी से बहुत डरने लगा
था। उस पर वकीलों का बहुत दबाव था। वह कोर्ट में
वकीलों के सवालों के जवाब देने से भी डरने
लगा था। इसके चलते वह डिप्रेशन में चला गया था।


🔫: पुलिस के डर से मुंबई से भाग निकला था रवींद्र
सीनियर पुलिस अधिकारियों ने नौकरी से
अनुपस्थित रहने का आरोप लगाकर रवींद्र को
नौकरी से निकाल दिया था। नौकरी से निकाल
देने के बाद भी पुलिस ने रवींद्र का
पीछा नहीं छोड़ा था। इसलिए वह मुंबई से
कहीं और चला गया था। परिवार के अनुसार वह
अक्सर चोरी-छिपे अपनी पत्नी
व परिवार से मिलने एक-दो दिन के लिए मुंबई आया करता था।

🔫: सीरियल किलर्स के साथ रखा गया जेल में
पेशी के दौरान कोर्ट में अनुपस्थित रहने के आरोप में
रवींद्र को जेल भेज दिया गया था। इतना
नहीं नहीं, जेल में भी उसके
साथ ऐसा व्यवहार किया जाता था कि मानो वह खूंखार
कैदी हो। उसे अन्य कैदियों से अलग रखा गया था। एक
बार उसे सीरियल किलर्स के साथ ही रखा
गया। रवींद्र ने इसके लिए आवेदन भी किया
था कि उसे सीरियल किलर के साथ न रखा जाए, लेकिन
कोर्ट ने उसके इस आवेदन को रद्द कर दिया
🔫: परिवार भी हुआ रवींद्र से दूर
बताया जाता है कि इस केस में जेल से बाहर आने के बाद परिवार वालों
ने उसे बयान बदलने के लिए काफी समझाया, क्योंकि
पुलिस परिवार को परेशान कर रही थी।
लेकिन रवींद्र ने उनकी बात
नहीं मानी।

🔫: आखिरी वक्त भी कोई नहीं था
साथ
रवींद्र की मौत 2007 में
सेवरी म्युनिसिपल अस्पताल में हुई। वह नर्वस ब्रेक
डाउन का शिकार हो गया था। जब उसने अंतिम सांस ली,
तब उसके पास परिवार का भी कोई व्यक्ति
नहीं था।

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