|||||||| "ये ही सत्य हैं" |||||||
प्र०→ जीवन का उद्देश्य क्या है ?
उत्तर→ जीवन का उद्देश्य उसी चेतना को जानना है - जो जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त है। उसे जानना ही मोक्ष है..!!
प्र०→ जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त कौन है ?
उत्तर→ जिसने स्वयं को, उस आत्मा को जान लिया - वह जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त है..!!
प्र०→संसार में दुःख क्यों है ?
उत्तर→लालच, स्वार्थ और भय ही संसार के दुःख का मुख्य कारण हैं..!!
प्र०→ ईश्वर ने दुःख की रचना क्यों की ?
उत्तर→ ईश्वर ने संसारकी रचना की और मनुष्य ने अपने विचार और कर्मों से दुःख और सुख की रचना की..!!
प्र०→ क्या ईश्वर है ? कौन है वे ? क्या रुप है उनका ? क्या वह स्त्री है या पुरुष ?
उत्तर→ कारण के बिना कार्य नहीं। यह संसार उस कारण के अस्तित्व का प्रमाण है। तुम हो, इसलिए वे भी है - उस महान कारण को ही आध्यात्म में 'ईश्वर' कहा गया है। वह न स्त्री है और ना ही पुरुष..!!
प्र०→ भाग्य क्या है ?
उत्तर→हर क्रिया, हर कार्य का एक परिणाम है। परिणाम अच्छा भी हो सकता है, बुरा भी हो सकता है। यह परिणाम ही भाग्य है तथा आज का प्रयत्न ही कल का भाग्य है..!!
प्र०→ इस जगत में सबसे बड़ा आश्चर्य क्या है ?
उत्तर→ रोज़ हजारों-लाखों लोग मरते हैं और उसे सभी देखते भी हैं, फिर भी सभी को अनंत-काल तक जीते रहने की इच्छा होती है..इससे बड़ा आश्चर्य ओर क्या हो सकता है..!!
प्र०→किस चीज को गंवाकर मनुष्यधनी बनता है ?
उत्तर→ लोभ..!!
प्र०→ कौन सा एकमात्र उपाय है जिससे जीवन सुखी हो जाता है?
उत्तर→ अच्छा स्वभाव ही सुखी होने का उपाय है..!!
प्र० → किस चीज़ के खो जानेपर दुःख नहीं होता ?
उत्तर→ क्रोध..!!
प्र०→ धर्म से बढ़कर संसार में और क्या है ?
उत्तर → दया..!!
प्र०→क्या चीज़ दुसरो को नहीं देनी चाहिए ?
उत्तर→ तकलीफें, धोखा..!!
प्र०→ क्या चीज़ है, जो दूसरों से कभी भी नहीं लेनी चाहिए ?
उत्तर→ इज़्ज़त, किसी की हाय..!!
प्र०→ ऐसी चीज़ जो जीवों से सब कुछ करवा सकती है ?
उत्तर→मज़बूरी..!!
प्र०→ दुनियां की अपराजित चीज़ ?
उत्तर→ सत्य..!!
प्र०→ दुनियां में सबसे ज़्यादा बिकने वाली चीज़ ?
उत्तर→ झूठ..!!
प्र०→ करने लायक सुकून का कार्य कोनसा?
उत्तर→ परोपकार..!!
प्र०→ दुनियां की सबसे बुरी लत ?
उत्तर→ मोह..!!
प्र०→ दुनियां का स्वर्णिम स्वप्न ?
उत्तर→ जिंदगी..!!
प्र०→ दुनियां की अपरिवर्तनशील चीज़ ?
उत्तर→ मौत..!!
प्र०→ ऐसी चीज़ जो स्वयं के भी समझ ना आये ?
उत्तर→ अपनी मूर्खता..!!
प्र०→ दुनियां में कभी भी नष्ट/ नश्वर न होने वाली चीज़ ?
उत्तर→ आत्मा और ज्ञान..!!
प्र०→ कभी न थमने वाली चीज़ ?
उत्तर→ समय..!!
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
छोटा सा जीवन है,
लगभग 80 वर्ष।
उसमें से आधा =40 वर्ष तो रात को
बीत जाता है।
उसका आधा=20 वर्ष
बचपन और बुढ़ापे मे बीत जाता है।
बचा 20 वर्ष।
उसमें भी कभी योग,
कभी वियोग,
कभी पढ़ाई,
कभी परीक्षा,
नौकरी,
व्यापार और अनेक चिन्ताएँ
व्यक्ति को घेरे रखती हैँ।
अब बचा ही
कितना ?
8/10 वर्ष।
उसमें भी हम
शान्ति से नहीं जी सकते ?
यदि हम
थोड़ी सी सम्पत्ति के लिए झगड़ा करें,
और फिर भी सारी सम्पत्ति यहीं छोड़
जाएँ,
तो इतना मूल्यवान मनुष्य जीवन
प्राप्त करने का क्या लाभ हुआ?
स्वयं विचार कीजिये :- इतना कुछ होते हुए भी,
1- शब्दकोश में असंख्य शब्द होते हुए भी...
👍मौन होना सब से बेहतर है।
2- दुनिया में हजारों रंग होते हुए भी...
👍सफेद रंग सब से बेहतर है।
3- खाने के लिए दुनिया भर की चीजें होते हुए भी...
👍उपवास शरीर के लिए सबसे बेहतर है।
4-पर्यटन के लिए रमणीक स्थल होते हुए भी..
👍पेड़ के नीचे ध्यान लगाना सबसे बेहतर है।
5- देखने के लिए इतना कुछ होते हुए भी...
👍बंद आँखों से भीतर देखना सबसे बेहतर है।
6- सलाह देने वाले लोगों के होते हुए भी...
👍अपनी आत्मा की आवाज सुनना सबसे बेहतर है।
7- जीवन में हजारों प्रलोभन होते हुए भी...
👍सिद्धांतों पर जीना सबसे बेहतर है।
इंसान के अंदर जो समा जायें वो
" स्वाभिमान "
और
जो इंसान के बाहर छलक जायें वो
" अभिमान "
ये मैसेज पूरा पढ़े, और
अच्छा लगे तो सबको भेजें 🙏
✔जब भी बड़ो के साथ बैठो तो
परमात्मा का धन्यवाद ,
क्योंकि कुछ लोग
इन लम्हों को तरसते हैं ।
✔जब भी अपने काम पर जाओ
तो परमात्मा का धन्यवाद करो
क्योंकि
बहुत से लोग बेरोजगार हैं ।
✔परमात्मा का धन्यवाद कहो
जब तुम तन्दुरुस्त हो ,
क्योंकि बीमार किसी भी कीमत
पर सेहत खरीदने की ख्वाहिश
रखते हैं ।
✔ परमात्मा का धन्यवाद कहो
की तुम जिन्दा हो ,
क्योंकि मरते हुए लोगों से पूछो
जिंदगी कीमत ।
दोस्तों की ख़ुशी के लिए तो कई मैसेज भेजते हैं ।
देखते हैं परमात्मा के धन्यवाद का ये मैसेज कितने लोग शेयर करते हैं । 💐💐💐💐💐
प्र०→ जीवन का उद्देश्य क्या है ?
उत्तर→ जीवन का उद्देश्य उसी चेतना को जानना है - जो जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त है। उसे जानना ही मोक्ष है..!!
प्र०→ जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त कौन है ?
उत्तर→ जिसने स्वयं को, उस आत्मा को जान लिया - वह जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त है..!!
प्र०→संसार में दुःख क्यों है ?
उत्तर→लालच, स्वार्थ और भय ही संसार के दुःख का मुख्य कारण हैं..!!
प्र०→ ईश्वर ने दुःख की रचना क्यों की ?
उत्तर→ ईश्वर ने संसारकी रचना की और मनुष्य ने अपने विचार और कर्मों से दुःख और सुख की रचना की..!!
प्र०→ क्या ईश्वर है ? कौन है वे ? क्या रुप है उनका ? क्या वह स्त्री है या पुरुष ?
उत्तर→ कारण के बिना कार्य नहीं। यह संसार उस कारण के अस्तित्व का प्रमाण है। तुम हो, इसलिए वे भी है - उस महान कारण को ही आध्यात्म में 'ईश्वर' कहा गया है। वह न स्त्री है और ना ही पुरुष..!!
प्र०→ भाग्य क्या है ?
उत्तर→हर क्रिया, हर कार्य का एक परिणाम है। परिणाम अच्छा भी हो सकता है, बुरा भी हो सकता है। यह परिणाम ही भाग्य है तथा आज का प्रयत्न ही कल का भाग्य है..!!
प्र०→ इस जगत में सबसे बड़ा आश्चर्य क्या है ?
उत्तर→ रोज़ हजारों-लाखों लोग मरते हैं और उसे सभी देखते भी हैं, फिर भी सभी को अनंत-काल तक जीते रहने की इच्छा होती है..इससे बड़ा आश्चर्य ओर क्या हो सकता है..!!
प्र०→किस चीज को गंवाकर मनुष्यधनी बनता है ?
उत्तर→ लोभ..!!
प्र०→ कौन सा एकमात्र उपाय है जिससे जीवन सुखी हो जाता है?
उत्तर→ अच्छा स्वभाव ही सुखी होने का उपाय है..!!
प्र० → किस चीज़ के खो जानेपर दुःख नहीं होता ?
उत्तर→ क्रोध..!!
प्र०→ धर्म से बढ़कर संसार में और क्या है ?
उत्तर → दया..!!
प्र०→क्या चीज़ दुसरो को नहीं देनी चाहिए ?
उत्तर→ तकलीफें, धोखा..!!
प्र०→ क्या चीज़ है, जो दूसरों से कभी भी नहीं लेनी चाहिए ?
उत्तर→ इज़्ज़त, किसी की हाय..!!
प्र०→ ऐसी चीज़ जो जीवों से सब कुछ करवा सकती है ?
उत्तर→मज़बूरी..!!
प्र०→ दुनियां की अपराजित चीज़ ?
उत्तर→ सत्य..!!
प्र०→ दुनियां में सबसे ज़्यादा बिकने वाली चीज़ ?
उत्तर→ झूठ..!!
प्र०→ करने लायक सुकून का कार्य कोनसा?
उत्तर→ परोपकार..!!
प्र०→ दुनियां की सबसे बुरी लत ?
उत्तर→ मोह..!!
प्र०→ दुनियां का स्वर्णिम स्वप्न ?
उत्तर→ जिंदगी..!!
प्र०→ दुनियां की अपरिवर्तनशील चीज़ ?
उत्तर→ मौत..!!
प्र०→ ऐसी चीज़ जो स्वयं के भी समझ ना आये ?
उत्तर→ अपनी मूर्खता..!!
प्र०→ दुनियां में कभी भी नष्ट/ नश्वर न होने वाली चीज़ ?
उत्तर→ आत्मा और ज्ञान..!!
प्र०→ कभी न थमने वाली चीज़ ?
उत्तर→ समय..!!
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छोटा सा जीवन है,
लगभग 80 वर्ष।
उसमें से आधा =40 वर्ष तो रात को
बीत जाता है।
उसका आधा=20 वर्ष
बचपन और बुढ़ापे मे बीत जाता है।
बचा 20 वर्ष।
उसमें भी कभी योग,
कभी वियोग,
कभी पढ़ाई,
कभी परीक्षा,
नौकरी,
व्यापार और अनेक चिन्ताएँ
व्यक्ति को घेरे रखती हैँ।
अब बचा ही
कितना ?
8/10 वर्ष।
उसमें भी हम
शान्ति से नहीं जी सकते ?
यदि हम
थोड़ी सी सम्पत्ति के लिए झगड़ा करें,
और फिर भी सारी सम्पत्ति यहीं छोड़
जाएँ,
तो इतना मूल्यवान मनुष्य जीवन
प्राप्त करने का क्या लाभ हुआ?
स्वयं विचार कीजिये :- इतना कुछ होते हुए भी,
1- शब्दकोश में असंख्य शब्द होते हुए भी...
👍मौन होना सब से बेहतर है।
2- दुनिया में हजारों रंग होते हुए भी...
👍सफेद रंग सब से बेहतर है।
3- खाने के लिए दुनिया भर की चीजें होते हुए भी...
👍उपवास शरीर के लिए सबसे बेहतर है।
4-पर्यटन के लिए रमणीक स्थल होते हुए भी..
👍पेड़ के नीचे ध्यान लगाना सबसे बेहतर है।
5- देखने के लिए इतना कुछ होते हुए भी...
👍बंद आँखों से भीतर देखना सबसे बेहतर है।
6- सलाह देने वाले लोगों के होते हुए भी...
👍अपनी आत्मा की आवाज सुनना सबसे बेहतर है।
7- जीवन में हजारों प्रलोभन होते हुए भी...
👍सिद्धांतों पर जीना सबसे बेहतर है।
इंसान के अंदर जो समा जायें वो
" स्वाभिमान "
और
जो इंसान के बाहर छलक जायें वो
" अभिमान "
ये मैसेज पूरा पढ़े, और
अच्छा लगे तो सबको भेजें 🙏
✔जब भी बड़ो के साथ बैठो तो
परमात्मा का धन्यवाद ,
क्योंकि कुछ लोग
इन लम्हों को तरसते हैं ।
✔जब भी अपने काम पर जाओ
तो परमात्मा का धन्यवाद करो
क्योंकि
बहुत से लोग बेरोजगार हैं ।
✔परमात्मा का धन्यवाद कहो
जब तुम तन्दुरुस्त हो ,
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पर सेहत खरीदने की ख्वाहिश
रखते हैं ।
✔ परमात्मा का धन्यवाद कहो
की तुम जिन्दा हो ,
क्योंकि मरते हुए लोगों से पूछो
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दोस्तों की ख़ुशी के लिए तो कई मैसेज भेजते हैं ।
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