*रोमियों को पहचानने का तरीका, पुलिस ही नहीं सभी के लिए कारगर...*
*नोट-निम्नलिखित गुणों में से चार गुण मिलने पर शोहदों को रोमियो घोषित किया जा सकता है.....*
1- हर दिन ये पेट्रोल पम्प पर बीस रुपये का पेट्रोल भराते हैं।
2- ये गाड़ी चलाते समय एक साथ पूरा एस्सेलेरेटर लेकर और आधा क्लच दबाकर गाड़ी चलाते हैं।
3- ये बालिका विद्यालय अथवा महिला महाविद्यालय अथवा किसी टेक्निकल इंस्टिट्यूट या प्राइवेट कोचिंग के आसपास दिन भर बिना किसी काम के सिगरेट के खोखे पर एक सिगरेट को तीन बार जलाकर पीते नजर आते हैं।
4- ये 60 रुपये की टी शर्ट और 120 रुपये की जीन्स जिस पर की लाल हरा नीला पीला रंग का ड्रैगन फूल पत्ते आदि बना होता है, धारण करते हैं और वह जीन्स इनके कमर पर टिकने का नाम नहीं लेती है नीचे को सरकती रहती है।
5- ये अधिकांशतः 45-50 किलोग्राम वजन के होते हैं लेकिन हाथ में दो चार पांच रुपये वाला रबर का लाल पीला फ्रेंडशिप बैंड एवं एक दो कड़े (250 ग्राम के) पहने होते हैं और दोनों हाथो को शरीर से थोड़ा दूर रखकर ऐसे चलते हैं मानो खपच्ची बंधी हो।
6- 50 रूपये वाला रेबेन का नकली चश्मा बार बार उतारकर साफ़ करके फिर पुनः लगाते नज़र आते हैं।
विशेष-
इन्हें कूटना केवल पुलिस की ही नहीं बल्कि आपकी भी नैतिक जिम्मेदारी बनती है...
जनहित में जारी
*नोट-निम्नलिखित गुणों में से चार गुण मिलने पर शोहदों को रोमियो घोषित किया जा सकता है.....*
1- हर दिन ये पेट्रोल पम्प पर बीस रुपये का पेट्रोल भराते हैं।
2- ये गाड़ी चलाते समय एक साथ पूरा एस्सेलेरेटर लेकर और आधा क्लच दबाकर गाड़ी चलाते हैं।
3- ये बालिका विद्यालय अथवा महिला महाविद्यालय अथवा किसी टेक्निकल इंस्टिट्यूट या प्राइवेट कोचिंग के आसपास दिन भर बिना किसी काम के सिगरेट के खोखे पर एक सिगरेट को तीन बार जलाकर पीते नजर आते हैं।
4- ये 60 रुपये की टी शर्ट और 120 रुपये की जीन्स जिस पर की लाल हरा नीला पीला रंग का ड्रैगन फूल पत्ते आदि बना होता है, धारण करते हैं और वह जीन्स इनके कमर पर टिकने का नाम नहीं लेती है नीचे को सरकती रहती है।
5- ये अधिकांशतः 45-50 किलोग्राम वजन के होते हैं लेकिन हाथ में दो चार पांच रुपये वाला रबर का लाल पीला फ्रेंडशिप बैंड एवं एक दो कड़े (250 ग्राम के) पहने होते हैं और दोनों हाथो को शरीर से थोड़ा दूर रखकर ऐसे चलते हैं मानो खपच्ची बंधी हो।
6- 50 रूपये वाला रेबेन का नकली चश्मा बार बार उतारकर साफ़ करके फिर पुनः लगाते नज़र आते हैं।
विशेष-
इन्हें कूटना केवल पुलिस की ही नहीं बल्कि आपकी भी नैतिक जिम्मेदारी बनती है...
जनहित में जारी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें