गुरुवार, 30 अप्रैल 2015

ॐ श्री हनुमते नमः

|| जय श्र राम ||
|| ॐ श्री हनुमते नमः ||
ना स्वर हैं, ना सरगम हैं, ना लय न तराना है।
बजरंग के चरणों में एक फूल चढ़ाना है॥
तुम बाल समय में प्रभु, सूरज को निगल डाले,
अभिमानी सुरपति के, सब दर्प मसल डाले,
बजरंग हुए तब से, संसार ने जाना है।

बजरंग के चरणों में एक फूल चढ़ाना है॥
जब राम नाम तुमने, पाया ना नगीने में,
तुम चीर दिए सीना, सिया राम थे
सीने में,
विस्मित जग ने देखा, कपि राम दीवाना है।
बजरंग के चरणों में एक फूल चढ़ाना है॥
सब दुर्ग ढ़हाकर के, लंका को जलाए तुम,
सीता की खबर लाये, लक्ष्मण को बचाये
तुम,
प्रिय भरत सरिस तुमको, श्री राम ने माना है।
बजरंग के चरणों में एक फूल चढ़ाना है॥
हे अजर अमर स्वामी, तुम हो
अन्तर्यामी,
हूँ दीन हीन चंचल,
अभिमानी अज्ञानी,
यदि तुमने नज़र फेरी,फिर कहाँ ठिकाना है।
बजरंग के चरणों में एक फूल चढ़ाना ह









माता सीता के आशीर्वाद के प्रभाव से अंजनी पुत्र हनुमानजी अमर है। ऐसा माना जाता है कि अशोक वाटिका में माता सीता ने हनुमानजी को अमरता का वरदान प्रदान किया था। कलयुग में हनुमानजी की आराधना तुरंत ही शुभ फल प्रदान करती है। इसी वजह से आज इनके भक्तों की संख्या काफी अधिक है। अधिकांश भक्तों के घरों में बजरंगबली के फोटो अवश्य ही लगे रहते हैं।
वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में देवी-देवताओं के चित्रों को लगाने से सभी परेशानियां दूर होती हैं और घर में सुख-शांति बनी रहती है। घर का वातावरण सुकून देने वाला और पवित्र बना रहता है। बाहर से आने वाले लोगों पर भी इसका अच्छा प्रभाव पड़ता है। घर में सभी सदस्यों के बीच परस्पर प्रेम सदा बढ़ता रहता है। हनुमानजी के चित्र का महत्व ध्यान में रखते हुए वास्तु में कई नियम बताए गए हैं।
वास्तु के अनुसार हनुमानजी की फोटो हमेशा दक्षिण दिशा की ओर देखती हुई लगानी चाहिए। इससे घर में सुख और समृद्धि बढ़ेगी। दक्षिण दिशा की ओर मुख करके हनुमानजी फोटो इसलिए अधिक शुभ है क्योंकि हनुमानजी ने अपना प्रभाव सर्वाधिक इसी दिशा में दिखाया है। इस दिशा में ही लंका भी है और सीता की खोज, लंका दहन और राम-रावण का युद्ध भी हुआ है। दक्षिण दिशा में हनुमानजी विशेष बलशाली हैं।

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