सोमवार, 29 जून 2015

yogi Raj 2017 जगा दिया गोरखपुर को जिसने, देश जगाने वाला है। विजय पताका फहराकर वो, जो यूपी आने वाला है।।

कौन हैं योगी आदित्यनाथ जानिए,

योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश की गोरखपुर से सांसद हैं लोकसभा चुनाव में उन्होंने लगातार पांच बारजीत दर्ज की ...

योगी आदित्यनाथ बीएससी पास हैं 26 साल की उम्र से ही सांसद हैं पांचवीं बार संसद पहुंचे हैं,लेकिन उनकी इस चमत्कारी जीत के पीछे उनका कट्टर हिंदुत्व का एजेंडा हैं ऐसा एजेंडा जिससे उनकी ताकत लगातार बढ़ती गई.

इतनी कि आखिरकार गोरखपुर में जो योगी कहे वही नियम है, वही कानून है.तभी तो उनके समर्थक नारा भी लगाते हैं,'गोरखपुर में रहना है तो योगी-योगी कहना होगा.'1998 में शुरू हुई राजनीतिक पारी योगी आदित्यनाथ का असली नाम है अजय सिंह.वह मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले हैं. गढ़वाल यूनिवर्सिटी से उन्होंने बीएससी की पढ़ाई की. गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ ने उन्हें दीक्षा देकर योगी बनाया था अवैद्यनाथ ने 1998 में राजनीति से संन्यास लिया और योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया.

यहीं से योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक पारी शुरू हुई है.1998 में गोरखपुर से 12वीं लोकसभा का चुनाव जीतकर योगी आदित्यनाथ संसद पहुंचे तो वह सबसे कम उम्र के सांसद थे हिंदूयुवा वाहिनी का गठन राजनीति के मैदान में आते ही योगी आदित्यनाथ ने सियासत की दूसरी डगर भी पकड़ ली उन्होंने हिंदू युवा वाहिनी का गठन किया और धर्म परिवर्तन के खिलाफ मुहिम छेड़ दी कट्टर हिंदुत्व की राह पर चलते हुए उन्होंने कई बार विवादित बयान दिए.

योगी विवादों में बने रहे, लेकिन उनकी ताकत लगातार बढ़ती गई. 2007 में गोरखपुर में दंगे हुए तो योगी आदित्यनाथ को मुख्य आरोपी बनाया गया. गिरफ्तारी हुई और इस पर कोहराम भी मचा.योगी के खिलाफ कई अपराधिक मुकदमे भी दर्ज हुए. अब तक योगी आदित्यनाथ की हैसियत ऐसी बन गई कि जहां वो खड़े होते, वहाँ सभा शुरू हो जाती.वो जो बोल देते, उनके समर्थकों के लिए वो कानून हो जाता. यही नहीं, होली और दीपावली जैसे त्योहार कब मनाया जाए, इसके लिए भी योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर से फरमान जारी करते हैं इसलिए गोरखपुर में हिन्दूओं के त्योहार एक दिन बाद मनाए जाते हैं.

उर्दू बन गई हिंदी, मियां बदलकर मायायोगी आदित्यनाथ के तौर-तरीकों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने गोरखपुर के कई ऐतिहासिक मुहल्लों के नाम बदलवा दिए. इसके तहत उर्दू बाजार हिंदी बाजार बन गया.अली नगर आर्यनगर हो गया. मियां बाजारमाया बाजार हो गया. इतना ही नहीं,योगी आदित्यनाथ तो आजमगढ़ का नाम भी बदलवाना चाहते हैं.इसके पीछे आदित्यनाथ का तर्क है कि देश की पहचान हिंदी से है उर्दू से नहीं, आर्य से है अली से नहीं. गोरखपुर और आसपास के इलाके में योगी आदित्यनाथ और उनकी हिंदूयुवा वाहिनी की तूती बोलती है. बीजेपी में भी उनकी जबरदस्त धाक है.इसका प्रमाण यह है कि पिछले लोकसभा चुनावों में प्रचार के लिए योगी आदित्यनाथ को बीजेपी ने हेलीकॉप्टर मुहैया करवाया था


जगा दिया गोरखपुर को जिसने, देश जगाने वाला है।
विजय पताका फहराकर वो, जो यूपी आने वाला है।।
शंखनाद हो गया शुरू, अब तो रण होने वाला है।
आजसुना है अपने कानो से, की योगी आने वाला है।।
मत डरो अंधियारो से, अब भोर होने वाला है।गर्जना
सुन पा रहा हु, कोई शेर आने वाला है।।जल रहा है पुरा
भारत, अब शासन हिलने वाला है।सुन लो सब कान
खोल के, अब योगी आने वाला है ।

¤हिन्दू युवा वाहिनी¤
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रविवार, 14 जून 2015

Sanatan Hindu dharm duniya ka pehla dharm hai iske parmad har jagah mil jayenge aaj hum apko ek gufa ke bare me bata rahe hai jaha ye bhi pata chalta hai ki duniya kab samapt hogi

उत्तराखंड के  गंगोलीहाट कस्बे में
बसा है एक रहस्यमयी गुफा। इस गुफा से जुड़ी ऐसी
मान्यताएं जिनका उल्लेख कई पुराणों में भी
किया गया है। इस गुफा के बारे में बताया जाता
है कि इसमें दुनिया के समाप्त होने का भी रहस्य
छुपा हुआ है।
इस गुफा को पाताल भुवनेश्वर के नाम से जाना
जाता है। स्कंद पुराण में इस गुफा के विषय में कहा
गया है कि इसमें भगवान शिव का निवास है।
सभी देवी-देवता इस गुफा में आकर भगवान शिव
की पूजा करते हैं। गुफा के अंदर जाने पर आपको
इसका कारण भी समझ में आने लगेगा।
गुफा के संकरे रास्ते से जमीन के अंदर आठ से दस
फीट नीचे जाने पर गुफा की दीवारों पर कई ऐसी
आकृतियां नजर आने लगती हैं जिसे देखकर आप
हैरान रह जाएंगे। यह आकृति एक हंस की है जिसके
बारे में यह माना जाता है कि यह ब्रह्मा जी का
हंस है।

गुफा के अंदर एक हवन कुंड बना है। इस कुंड के बारे में कहा
जाता है कि इसमें जनमेजय ने नाग यज्ञ किया था
जिसमें सभी सांप भष्म हो गए थे। केवल तक्षक नाग
ही बच गया जिसने राजा परीक्षित को काटा
था। कुंड के पास एक सांप की आकृति जिसे तक्षक
नाग कहा जाता है।
पाताल भुवनेश्वर गुफा में एक साथ दर्शन कीजिए
चार धामों के। ऐसी मान्यता है कि इस गुफा में
एक साथ केदारनाथ, बद्रीनाथ, अमरनाथ के दर्शन
होते हैं। इसे दुर्लभ दर्शन माना जाता है जो
किसी अन्यतीर्थ में संभव नहीं होता।
गुफा के अंदर आपको 33 कोटि देवी देवताओं
की आकृति के अलावा शेषनाग का फन नजर आएगा।
इस रहस्यमयी गुफा के बारे में कहा जाता है कि
पाण्डवों ने इस गुफा के पास तपस्या की
थी। काफी समय तक लोगों
की नजरों से दूर रहे इस गुफा की
खोज आदिशंकराचार्य ने की थी।
गुफा के अंदर बना है गणेश जी का सिर जो इस
कथा की याद दिलाता है कि भगवान शिव ने गणेश
जी का सिर काट दिया था।

इस गुफा में चार खंभा है जो चार युगों अर्थात सतयुग, त्रेतायुग,
द्वापरयुग तथा कलियुग को दर्शाते हैं। इनमें पहले
तीन आकारों में कोई परिवर्तन नही
होता। जबकि कलियुग का खंभा लम्बाई में अधिक है और इसके
ऊपर छत से एक पिंड नीचे लटक रहा है, जिसमें
एक गहरा रहस्य छुपा है।

यहां के पुजारी का कहना है कि 7 करोड़ वर्षों में
यह पिंड 1 ईंच बढ़ता है। मान्यता है कि जिस दिन यह पिंड
कलियुग के खंभे से मिल जाएगा उस दिन कलियुग समाप्त होगा
और महाप्रलय आ जाएगा।

मंगलवार, 2 जून 2015

घरों में चित्र लगाने से घर सुंदर दिखता है,बहुत कम ही लोग जानते हैं कि घर में लगाए गए चित्र का प्रभाव वहां रहने वाले लोगों के जीवन पर भी पड़ता है। वास्तु शास्त्र

घरों में तस्वीर या चित्र लगाने से घर सुंदर दिखता है, परंतु बहुत कम ही लोग यह जानते हैं कि घर में लगाए गए चित्र का प्रभाव वहां रहने वाले लोगों के जीवन पर भी पड़ता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में श्रृंगार, हास्य व शांत रस उत्पन्न करने वाली तस्वीरें ही लगाई जानी चाहिए।
घर के अन्दर और बाहर सुन्दर चित्र , पेंटिंग , बेल- बूटे , नक्काशी लगाने से ना सिर्फ सुन्दरता बढती है , वास्तु दोष भी दूर होते है।

1- फल-फूल व हंसते हुए बच्चों की तस्वीरें जीवन शक्ति का प्रतीक है। उन्हें पूर्वी व उत्तरी दीवारों पर लगाना शुभ होता है। इनसे जीवन में खुशहाली आती है।

2- लक्ष्मी व कुबेर की तस्वीरें भी उत्तर दिशा में लगानी चाहिए। ऐसा करने से धन लाभ होने की संभावना अधिक होती है।

3- यदि आप पर्वत आदि प्राकृतिक दृश्यों की तस्वीरें लगाना चाहते हैं तो दक्षिण या पश्चिम दिशा में लगाएं।

4- नदियों-झरनों आदि की तस्वीरें उत्तरी व पूर्वी दिशा में लगाना शुभ होता है।

5- वसुदेव द्वारा बाढग़्रस्त यमुना से श्रीकृष्ण को टोकरी में ले जाने वाली तस्वीर समस्याओं से उबरने की प्रेरणा देती है। इसे हॉल में लगाना चाहिए।
युद्ध प्रसंग, रामायण या महाभारत के युद्ध के चित्र, क्रोध, वैराग्य, डरावना, वीभत्स, दुख की भावना वाला, करुण रस से ओतप्रोत स्त्री, रोता बच्चा, अकाल, सूखे पेड़ कोई भी चित्र घर में न लगायें।

घर में दक्षिण दीवार पर हनुमान जी का लाल रंग का चित्र लगाएं। ऐसा करने से अगर मंगल आपका अशुभ है तो वो शुभ परिणाम देने लगेगा। हनुमान जी का आशीर्वाद आपको मिलने लगेगा। साथ ही पूरे परिवार का स्वास्थय अच्छा रहेगा।

घर का उत्तर पूर्व कोना (इशान कोण) स्वच्छ रखें व वंहा बहते पानी का चित्र लगायें | (ध्यान रहे इस चित्र में पहाड़/पर्वत न हो )
अपनी तस्वीर उत्तर या पूर्व दिशा मैं लगायें

उत्तर क्षेत्र की दीवार पर हरियाली या हरे चहकते हुए पक्षियों (तोते की तस्वीर) का शुभ चित्र लगाएं। ऐसा करने से परिवार के लोगों की एकाग्रता बनेगी साथ ही बुध ग्रह के शुभ परिणाम मिलेंगे। उत्तर दिशा बुध की होती है।

लक्ष्मी व कुबेर की तस्वीरें भी उत्तर दिशा में लगानी चाहिए। ऐसा करने से धन लाभ होने की संभावना है।

घर में जुडवां बत्तख व हंस के चित्र लगाना लगाना श्रेष्ठ रहता है। ऐसा करने से समृद्धि आती है।

घर की तिजोरी के पल्ले पर बैठी हुई लक्ष्मीजी की तस्वीर जिसमें दो हाथी सूंड उठाए नजर आते हैं, लगाना बड़ा शुभ होता है। तिजोरी वाले कमरे का रंग क्रीम या ऑफ व्हाइट रखना चाहिए।

घर में नाचते हुए गणेश की तस्वीर लगाना अति शुभ होता है।

बच्चाा जिस तरफ मुंह करके पढता हो, उस दीवार पर मां सरस्वती का चित्र लगाएं। पढाई में रूचि जागृत होगी।

बच्चों के उत्तर-पूर्व दीवार में लाल पट्टी के चायनीज बच्चों की युगल फोटों लगाएं। ऎसा करने से घर में खुशियां आएंगी और आपके बच्चो का करियर अच्छा बनेगा। इन उपायों को अपनाकर आप अपने बच्चे को एक अच्छा करियर दे सकते हैं और जीवन में सफल बना सकते हैं।

अध्ययन कक्ष में मोर, वीणा, पुस्तक, कलम, हंस, मछली आदि के चित्र लगाने चाहिए।

बच्चों के शयन कक्ष में हरे फलदार वृक्षों के चित्र, आकाश, बादल, चंद्रमा अदि तथा समुद्र तल की शुभ आकृति वाले चित्र लगाने चाहिए।

फल-फूल व हंसते हुए बच्चों की तस्वीरें जीवन शक्ति का प्रतीक है। उन्हें पूर्वी व उत्तरी दीवारों पर लगाएं।

ऐसे नवदम्पत्ति जो संतान सुख पाना चाहते हैं वे श्रीकृष्ण का बाल रूप दर्शाने वाली तस्वीर अपने बेडरूम में लगाएं।

यदि आप अपने वैवाहिक रिश्ते को अधिक मजबुत और प्रसन्नता से भरपूर बनाना चाहते हैं तो अपने बेडरुम में नाचते हुए मोर का चित्र लगाएं।

यूं तो पति-पत्नी के कमरे में पूजा स्थल बनवाना या देवी-देवताओं की तस्वीर लगाना वास्तुशास्त्र में निषिद्ध है फिर भी राधा-कृष्ण अथवा रासलीला की तस्वीर बेडरूम में लगा सकते हैं। इसके साथ ही बांसुरी, शंख, हिमालय आदि के चित्र दाम्पत्य सुख में वृद्धि के कारक होते हैं।

कैरियर में सफलता प्राप्ति के लिए उत्तर दिशा में जंपिंग फिश, डॉल्फिन या मछालियों के जोड़े का प्रतीक चिन्ह लगाए जाने चाहिए। इससे न केवल बेहतर कैरियर की ही प्राप्ति होती है बल्कि व्यक्ति की बौद्धिक क्षमता भी बढ़ती है।

अपने शयन कक्ष की पूर्वी दीवार पर उदय होते हुए सूर्य की ओर पंक्तिबद्ध उड़ते हुए शुभ उर्जा वाले पक्षियों के चित्र लगाएं। निराश, आलस से परिपूर्ण, अकर्मण्य, आत्मविश्वास में कमी अनुभव करने वाले व्यक्तियों के लिए यह विशेष प्रभावशाली है।

अगर किसी का मन बहुत ज्यादा अशांत रहता है तो अपने घर के उत्तर-पूर्व में ऐसे बगुले का चित्र लगाना चाहिए जो ध्यान मुद्रा मैं हो।